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बच्चो के लिए सबसे बेस्ट हिंदी कहानियाँ।

बच्चो के लिए सबसे बेस्ट हिंदी कहानियाँ।

Last Updated on October 22, 2023 by Mani_Bnl

बच्चो के लिए सबसे बेस्ट हिंदी कहानियाँ ढूंढ रहे हो तो ये संग्रह आपको बहुत पसंद आने वाला है।

जीवन में चमत्कार

एक समय की बात है, एक गांव में एक बहुत ही आदर्श परिवार रहता था। इस परिवार में एक बुढ़िया दादी और उनके दो पोते थे। वे तीनों बहुत प्यारे और मिलजुल के थे। दादी को अपने पोतों से बहुत प्यार था और वह उन्हें बहुत समय देती थी।

एक दिन दादी ने अपने पोतों को बताया कि वह उन्हें एक बहुत ही खास उपहार देना चाहती है। पोतों ने बहुत उत्साह के साथ पूछा, “दादी, वह उपहार क्या है?” दादी ने मुस्कानते हुए कहा, “तुम लोगों को एक चमत्कारिक पेड़ देना चाहती हूँ।”

पोते बहुत ही खुश हुए और उत्साहित हो गए। वे दादी के साथ पेड़ की खोज में निकले। वे आस-पास के जंगल में घूमते रहे, लेकिन वे अपने खास पेड़ को नहीं ढूंढ पा रहे थे।

उन्होंने बहुत सारे पेड़ देखे, लेकिन कोई भी वह चमत्कारिक पेड़ नहीं था। वे थक गए और घर लौटने के लिए रुक गए। वहां पहुंचते ही उन्होंने देखा कि उनके आस-पास के जंगल में वही खास पेड़ था।

पोते बहुत ही हैरान हुए और दादी के पास गए। वे पूछने लगे, “दादी, यह पेड़ तो हमारे पास ही था, फिर हमें उसे कैसे नहीं दिखा?” दादी हंसते हुए बोली, “बेटे, वह पेड़ तब तक तुम्हारे लिए चमत्कारिक नहीं हो सकता जब तक तुम उसे खोजने के लिए जंगल में नहीं गए। चमत्कार तब होता है जब हम अपने आस-पास की खोज करते हैं।”

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने जीवन में चमत्कार खोजने के लिए दूसरों की तलाश में नहीं जाना चाहिए। चमत्कार हमारे आस-पास ही होता है, हमें सिर्फ उसे ढूंढने की जरूरत होती है।

बच्चों के लिए एक मजेदार कहानी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था। उसका नाम राजू था। राजू बहुत ही जिद्दी और शरारती था। उसके माता-पिता उसे बहुत प्यार करते थे लेकिन उनके लिए राजू की शरारतें भी कभी-कभी चिढ़ाव का कारण बन जाती थी।

एक दिन, राजू अपने दोस्त के साथ खेल रहा था। वे दोनों ने एक बड़ी और खूबसूरत बागीचे में घुस आए। वहां पर बहुत सारे फूल थे और उनकी खुशबू अद्भुत थी। राजू ने देखा कि वहां पर एक महानतम फूल खिल रहा था। वह फूल बहुत ही सुंदर था और उसकी खुशबू अनोखी थी।

राजू ने अपने दोस्त से कहा, ‘देखो, वह फूल कितना खूबसूरत है। मुझे उसे अपने घर ले जाना है।’

राजू के दोस्त ने कहा, ‘लेकिन राजू, यह फूल बगीचे का है। हमें उसे यही छोड़ देना चाहिए।’

राजू ने उसे सुना नहीं और बगीचे में घुसकर वह फूल उखड़ा लिया। वह फूल बहुत ही खुश हुआ कि उसे कोई उखड़ लिया है। लेकिन राजू ने उसे अपने घर ले जाने के लिए उसे अपने दोस्त के साथ ले जाने का निर्णय किया।

जब राजू और उसका दोस्त बगीचे से बाहर निकले तो उन्हें देखा कि बगीचे के मालिक बहुत रो रहा था। वह अपने बगीचे का खोने का दुःख भरा था। राजू ने अपने दोस्त से कहा, ‘यह फूल बगीचे का है और हमें उसे यही छोड़ देना चाहिए। हमने गलती की है।’

राजू ने फूल को बगीचे में लौटा दिया और उसके मालिक से माफ़ी मांगी। मालिक ने राजू की माफ़ी स्वीकार की और बताया कि हमें अपनी संपत्ति का ध्यान रखना चाहिए।

राजू ने इस समझदारी से एक महत्वपूर्ण सीख ली थी। वह अब समझता था कि हमें दूसरों की संपत्ति को चोरी नहीं करना चाहिए और हमें अपनी शरारतों पर नियंत्रण रखना चाहिए।

एक रोमांचक कहानी: बंदर और मेंढ़क

एक समय की बात है, एक जंगल में बंदर और मेंढ़क रहते थे। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा साथ-साथ खेलते थे। बंदर बहुत चालाक था और मेंढ़क बहुत समझदार। एक दिन, उन्होंने एक खेल खेलने का फैसला किया।

खेल शुरू हो गया और बंदर ने कहा, ‘मैं एक पेड़ के ऊपर जा रहा हूँ, और तुम्हें मुझे पकड़ना होगा। अगर तुम मुझे पकड़ लेते हो, तो तुम जीतोगे।’ मेंढ़क ने मुस्कराते हुए कहा, ‘ठीक है, मैं तुम्हें पकड़ लूंगा।’

बंदर एक पेड़ पर चढ़ गया और बड़ी तेजी से ऊपर चला गया। मेंढ़क बंदर के पीछे-पीछे दौड़ने लगा। बंदर जितना तेज चल रहा था, मेंढ़क उससे और तेज दौड़ रहा था। बंदर हैरान हो गया क्योंकि वह कभी नहीं सोचा था कि मेंढ़क इतनी तेजी से दौड़ सकता है।

बंदर अचानक एक जटिल जंगल में चला गया, जहां उसे रास्ता नहीं मालूम था। वह चिंतित हो गया और दौड़ना बंद कर दिया। मेंढ़क बंदर के पास पहुंच गया और उसे बताया कि उसे रास्ता नहीं मालूम है। मेंढ़क बंदर की मदद करने के लिए बहुत खुश था।

मेंढ़क ने बंदर को एक बड़े पेड़ की ओर ले जाया और कहा, ‘यहां उस पेड़ के नीचे एक गुफा है। तुम यहां ठहरो, मैं तुम्हें रास्ता दिखाने के लिए वापस आता हूँ।’

बंदर गुफा में ठहर गया और मेंढ़क वापस चला गया। वह बंदर को रास्ता दिखाने के लिए दौड़ता हुआ लौट आया और उसे सही रास्ता दिखाया। बंदर धन्यवाद करते हुए उसे गले लगा लिया और दोस्ती की मिसाल बन गया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दोस्ती में सहायता और विश्वास होना बहुत महत्वपूर्ण है। हमेशा दूसरों की मदद करने की कोशिश करें और दोस्ती को मजबूत बनाए रखें।

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चालाक खरगोश और बुद्धिमान कछुआ

एक समय की बात है, एक जंगल में एक चालाक खरगोश और एक बुद्धिमान कछुआ रहते थे। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। वे हमेशा मिलकर खेलते और मस्ती करते थे।

एक दिन, खरगोश ने अपने दोस्त कछुए से कहा, ‘मेरे पास एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। मैंने एक बहुत ही शानदार और मजेदार रेस्टोरेंट खोला है। वहां पर तुम्हें सबसे स्वादिष्ट खाना मिलेगा।’

खरगोश की बातें सुनकर कछुआ बहुत खुश हुआ और उसने पूछा, ‘लेकिन खरगोश भैया, तुम कैसे इतना सब कुछ कर पाए?’

खरगोश ने अपने दोस्त कछुए को बताया, ‘मैंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। मैं रेस्तोरेंट खोलने के लिए तालीम प्राप्त की है और नए खाने के विचार ध्यान में रखते हुए अपनी महानता को बढ़ाया है।’

खरगोश ने कहा, ‘तुम भी अपने सपने पूरे कर सकते हो। तुम भी अपनी क्षमता का उपयोग करो और मेहनत करो।’

कछुआ ने बहुत सोचा और अपने दोस्त खरगोश से कहा, ‘तुम बिलकुल सही कह रहे हो। मैं भी अपने सपने पूरे करने के लिए मेहनत करूंगा।’

इस तरह, खरगोश और कछुआ दोनों अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते रहे। खरगोश ने अपने रेस्तोरेंट को बढ़ावा दिया और कछुआ ने अपने नए आविष्कार को बेहतर बनाने के लिए मेहनत की।

आखिरकार, खरगोश का रेस्तोरेंट बहुत ही प्रसिद्ध हो गया और कछुए का आविष्कार भी बहुत लोगों के लिए उपयोगी साबित हुआ। दोनों दोस्त में खुशी और गर्व की भावना थी।

बच्चों के लिए एक मनोहारी कहानी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था। उसका नाम राजू था। राजू बहुत ही जिद्दी और शरारती था। वह हमेशा नए खेल खेलना चाहता था और नयी चीजों को जानने की आदत थी। एक दिन राजू को एक रंगीन गुब्बारा मिला। वह गुब्बारा इतना सुंदर था कि राजू उसे देखते ही खुश हो गया। वह गुब्बारा अपने हाथों में लेकर बाहर निकल गया।

राजू ने गुब्बारा उड़ाने की कोशिश की, लेकिन वह उड़ नहीं रहा था। राजू बहुत उड़ाने की कोशिश करता रहा, लेकिन गुब्बारा सिर्फ जमीन पर गिरता ही जा रहा था। राजू बहुत ही निराश हो गया। उसने सोचा कि शायद वह गुब्बारा उड़ाने के लिए एक और तरीका हो सकता है।

राजू ने अपने दोस्त से पूछा, ‘तू मुझे बता सकता है कि गुब्बारा उड़ाने के लिए कौन सी ताकत चाहिए?’

उसका दोस्त बोला, ‘राजू, गुब्बारा उड़ाने के लिए तुझे धीरज की जरूरत होती है। तू धीरे-धीरे गुब्बारा ऊपर की ओर उठाएगा।’

राजू ने अपने दोस्त की बात मानी और फिर से गुब्बारा उड़ाने की कोशिश की। इस बार वह धीरे-धीरे गुब्बारा ऊपर की ओर उठाने लगा। धीरे-धीरे, गुब्बारा ऊपर उठता गया और फिर आकाश में बहुत ऊँचाई तक पहुंच गया।

राजू खुशी से झूम उठा और गुब्बारा को देखकर बड़ी खुशी महसूस की। उसने अपने दोस्त को धन्यवाद दिया और बताया कि धीरज ही उसे गुब्बारा उड़ाने में सफलता दिलाई है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि जब हम धीरज और संयम से काम करते हैं, तो हम सफलता को हासिल कर सकते हैं। जितना हम जिद्दी और बेज़ार होते हैं, हमारी सफलता उतनी ही दूर होती है।

बच्चों के लिए एक रोमांचक कहानी

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था। उसका नाम राहुल था। राहुल बहुत ही जिद्दी और शरारती बच्चा था। उसके माता-पिता उसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन वह बहुत शरारती होने की वजह से उन्हें कभी-कभी परेशानी भी होती थी।

एक दिन राहुल को उड़द की बाली खाने का मन हुआ। उसने अपने माता-पिता से बहुत अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने उसे मना कर दिया। राहुल निराश हो गया, लेकिन उसकी शरारती आदतें उसे उड़द की बाली खाने से नहीं रोक सकती थी।

अगले दिन रात को राहुल ने एक योजना बनाई। उसने अपने दोस्त से कहा कि आज रात को हमें उड़द की बाली खानी है। उसने अपने दोस्त को बताया कि उसे उड़द की बाली खाने के लिए एक जादुई पत्थर की जरूरत होगी। उसने कहा कि वह जादुई पत्थर उसके घर के छत पर है।

रात के समय राहुल और उसके दोस्त ने धीरे-धीरे घर के छत पर चढ़ाई की। वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि छत पर कोई जादुई पत्थर नहीं है। राहुल का दोस्त उसे चिढ़ाते हुए कहा, ‘तू तो बहुत बड़ा झूला बनाने के लिए छत पर आया था, ना?’

राहुल ने दोस्त की तरफ देखा और हंसते हुए कहा, ‘हाँ, तू ठीक कह रहा है, मैं तो झूला बनाने आया था।’

इस तरह राहुल और उसके दोस्त ने रात भर बातें करते हुए गुजारी और मज़े लिए। रात के अंत में वे दोनों नीचे आए और उड़द की बाली खाने का मज़ा लिया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी-कभी हमें अपनी शरारती आदतों को सामान्यता में बदलने की जरूरत होती है। राहुल ने अपनी शरारती आदत को उड़द की बाली खाने के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन उसने बाद में अपने दोस्त के साथ एक अच्छी मस्ती की।

बच्चों के लिए एक रोमांचक कहानी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक बहुत ही खुशहाल परिवार रहता था। इस परिवार में माता-पिता और उनके दो बच्चे थे। बच्चों का नाम राजू और रिया था। राजू अपने बड़े भाई की तरह बहुत ही शरारती और खुशमिजाज था, जबकि रिया अपनी बहन की तरह सुंदर और सामझदार थी। इन दोनों के बीच एक गहरी और अनोखी दोस्ती थी।

एक दिन, राजू और रिया ने अपने माता-पिता को एक चुटकुले सुनाए। वे दोनों बहुत ही हंसी में डूब गए और उन्होंने सोचा कि क्यों न वे एक रोमांचक कहानी लिखें।

इसलिए, वे एक रोमांचक कहानी लिखने के लिए अपने कमरे में बैठ गए। वे एक जंगल में रहने वाले एक बंदर की कहानी लिखने का निर्णय लिया। राजू और रिया ने बंदर के बारे में बहुत कुछ जाना और उसकी जिंदगी के बारे में सोचा।

बंदर की कहानी में, वह अकेला रहता था और उसे जंगल में खाने की तलाश करनी पड़ती थी। एक दिन, बंदर ने एक खजाना ढूंढा जिसमें उसे अनमोल गहने मिले। लेकिन खजाना चोरों ने देख लिया और उन्होंने उसे छीन लिया। बंदर को खजाने को वापस पाने के लिए एक चुनौती लेनी पड़ी।

बंदर ने चुनौती स्वीकार की और उसने खजाने को वापस पाने के लिए बहुत सारे जंगली जानवरों की मदद की। उसने उन्हें एक साथ मिलकर चोरों को पकड़ा और खजाने को वापस लाया। उसकी मेहनत और सामर्थ्य को देखकर सब जंगली जानवर उसे धन्यवाद दिया।

राजू और रिया ने खुद ही बंदर की कहानी लिख दी। वे अपनी कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करने का निर्णय लिया। उनके दोस्त बहुत खुश हुए और उन्होंने कहानी के बारे में बहुत कुछ सीखा।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपनी मेहनत और सामर्थ्य पर विश्वास रखना चाहिए। हमें हमारे सपनों की पुरी करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन हमेशा याद रखें कि हमारी मेहनत, संघर्ष और संघर्ष हमें आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करते हैं।

एक छोटी सी कहानी

एक समय की बात है, एक गांव में एक बच्चा रहता था। उसके पास एक छोटा सा बगीचा था जिसमें वह अलग-अलग प्रकार के फूल उगाता था। उसकी मेहनत और प्यार से उगाए गए फूलों की खुशबू गांव के लोगों को बहुत पसंद आती थी।

एक दिन, बच्चे के बगीचे में एक नया पौधा लगा था। वह बच्चे के लिए बहुत ही अनोखा और अजीब दिखता था। बच्चा बगीचे की देखभाल करते-करते उस नए पौधे को खास प्यार देने लगा। वह दिन-रात उसकी देखभाल करता और उसे पानी देता।

कुछ दिनों बाद, उस नए पौधे ने अपने पहले फूल खिलाए। वह फूल बगीचे में चमक गया। लोग आकर उस फूल को देखने लगे और उसकी खुशबू का आनंद लेने लगे। बच्चा बहुत खुश हुआ और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई।

दिन बितते गए और फूल और पौधे बगीचे में और भी बढ़ने लगे। लोग बच्चे के बगीचे की खुशबू और सुंदरता के लिए उसे बहुत सराहना करने लगे। बच्चा बगीचे में बिताए हर पल का आनंद लेता था।

धीरे-धीरे, बच्चे के बगीचे की खुशबू और सुंदरता ने पूरे गांव को भर दिया। लोग बच्चे के पास जाकर उसे धन्यवाद देते और उसकी मेहनत की सराहना करते। बच्चा खुश था कि उसकी मेहनत और प्यार ने उसे और लोगों को खुशी दी।

मेहनत का फल

एक बार की बात है, एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके पास बहुत कम संसाधन थे, लेकिन उसकी मेहनत और मेहनत उसे अग्रणी बना दिया।

एक दिन, लड़का अपने दोस्त के साथ एक दूसरे गांव में गया। वहां उन्होंने एक बड़ी खुदाई देखी और उसमें एक बड़ा सोने का टुकड़ा खोजा। वह टुकड़ा उठाने के लिए उसे बहुत मेहनत करनी पड़ी।

वापस गांव लौटने पर, वह टुकड़ा अपने घर ले गया और उसे बेचकर बहुत अच्छा मुनाफा कमाया। उसके बाद से उसने अपने संसाधनों को बढ़ाना शुरू किया और अब वह एक सफल व्यापारी बन गया है।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि मेहनत और संघर्ष सफलता की कुंजी हैं। यदि हम मेहनत करें और अपने लक्ष्य की ओर प्रगति करें, तो हम सफलता को हासिल कर सकते हैं।

छोटी बातों का महत्व

यह एक छोटी सी कहानी है जो हमें यह दिखाती है कि छोटी चीजें हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण होती हैं। यह कहानी एक गांव में एक बूढ़े आदमी की है, जो अपने बचपन के दिनों की यादों में खोया हुआ था।

उसका नाम रामचंद्र था और वह गांव के सबसे पुराने मकान में रहता था। रामचंद्र बहुत ही सरल और निष्ठावान आदमी था। उसकी सबसे बड़ी खुशी उसकी छोटी सी बगीचे में थी। उसने वहां खेती की थी और उसकी पौधों को देखकर उसका मन खुशी से भर जाता था।

एक दिन, रामचंद्र ने अपनी बगीचे में एक छोटी सी पौधी देखी। वह पौधा बहुत ही कमजोर दिख रहा था और उसे तुरंत ध्यान देने की जरूरत थी। रामचंद्र ने उसे ध्यान से पानी दिया और उसे अच्छी तरह से संरक्षित किया।

वक्त बीतता गया और पौधा बड़ा हो गया। रामचंद्र को खुशी हुई कि उसने उस पौधे की देखभाल की और अब वह बहुत ही सुंदर और मजबूत हो गया है। एक दिन, जब उसने अपनी बगीचे में टहनी लगाई, तो उसने देखा कि वहां एक छोटा सा फूल खिल रहा है।

रामचंद्र बहुत खुश हुआ क्योंकि उसे लगा कि वह पौधा उसके प्यार और मेहनत का परिणाम है। वह फूल उसकी आंखों को खुशी से भर गया। उसने अपने दोस्तों और पड़ोसियों को फूल दिखाया और उन्हें अपनी खुशी साझा की।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें छोटी बातों का महत्व समझना चाहिए। हमें अपने आस-पास के चीजों को सराहना करनी चाहिए और उन्हें संरक्षित रखना चाहिए। छोटी सी प्रयासों से हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

दोस्ती का महत्व

यह है एक छोटी सी कहानी जो हमें दोस्ती के महत्व को समझाती है।

एक बार की बात है, एक गांव में एक छोटा सा बच्चा रहता था। उसके पास बहुत सारे खिलौने थे, लेकिन उसके दोस्त नहीं थे। वह अकेला रहकर बहुत उदास रहता था। उसे देखकर उसकी मां बहुत चिंतित हुई और उसे समझाया कि दोस्ती का महत्व क्या होता है।

उसकी मां ने उसे बताया कि दोस्ती सबसे अच्छी चीज़ होती है जो हमें खुशी देती है और हमें हमेशा सहायता करती है। दोस्त हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।

उसकी मां ने उसे बताया कि वह दूसरे बच्चों के साथ खेलना शुरू करे और दोस्त बनाए। वह उसे बताया कि दोस्ती करने के लिए हमें संवेदनशीलता, समझदारी और विश्वास की आवश्यकता होती है।

बच्चा अपनी मां की बात मान ली और वह दूसरे बच्चों के पास गया और उन्हें दोस्त बनाने की कोशिश की। सब बच्चे उसे खुशी से स्वागत करते हैं और उसके साथ खेलने लगते हैं। उसकी जिंदगी में खुशियाँ और मज़ा आने लगा।

बच्चा अपनी मां के पास वापस गया और उसे धन्यवाद कहा क्योंकि उसने उसे दोस्ती के महत्व को समझाया। उसकी मां बहुत खुश हुई और उसे गले लगाकर प्यार किया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि दोस्ती हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दोस्ती हमें खुश रखती है और हमें सहायता करती है। हमें दूसरों के साथ अच्छी तरह से बराबरी करनी चाहिए और सभी के साथ दोस्ती करनी चाहिए।

दूसरों की मदद

एक समय की बात है, एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके पास खाने के लिए रोटी भी नहीं थी। उसे बहुत ज्यादा भूख लगी थी और वह बहुत परेशान था। उसने गांव के सबसे अमीर आदमी के घर जाकर उससे कुछ रोटी मांगने की सोची।

वह अमीर आदमी बहुत ही दयालु और मेहरबान था। जब उसने गरीब लड़के की हालत देखी, तो उसने उसे बहुत समझाया और उसे रोटी दी। गरीब लड़का बहुत खुश हुआ और धन्यवाद दिया।

इस घटना के बाद, गरीब लड़का ने देखा कि अमीर आदमी अपने घर के बाहर बहुत सारे लोगों को खाना देता है। वह देखा कि वह अमीर आदमी दिनभर अपने पैसे और समय का उपयोग करके दूसरों की मदद करता है। गरीब लड़का ने इससे काफी प्रभावित होकर अमीर आदमी से पूछा कि आप इतना क्यों करते हैं।

अमीर आदमी ने मुस्कराते हुए कहा, ‘मेरे पास धन और संपत्ति होने के बावजूद, मैं खुश नहीं रह सकता हूँ जब तक मैं दूसरों की मदद नहीं करता। जब मैं दूसरों की मदद करता हूँ, तो मुझे बहुत अच्छा लगता है और मैं खुश रहता हूँ।’

गरीब लड़का ने यह समझा कि सच्ची खुशी और संपत्ति उसे मिलती है जो दूसरों की मदद करता है। इसके बाद से, वह भी दूसरों की मदद करने लगा और उसने अपने जीवन को बदल दिया।

मेहनत और सफलता

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके पास बहुत सारे सपने थे, लेकिन उसके पास उन्हें पूरा करने के लिए कोई साधन नहीं था। वह अपने गरीबी के बावजूद आगे बढ़ने की इच्छा रखता था।

एक दिन, उसने एक अमीर व्यापारी के बारे में सुना, जो अपनी मेहनत और संघर्ष से अमीर बना था। उसकी कहानी सुनकर उसके मन में भी उम्मीद की किरण जगमगाई। वह भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करना चाहता था।

गरीब लड़का ने अपनी जिद्दी बनाई और अमीर व्यापारी से मिलने का निर्णय लिया। वह उसकी कहानी सुनने के लिए उसके दरबार में पहुंचा। उसे देखकर अमीर व्यापारी ने उसकी इच्छा को देखा और उसे अपने साथ काम करने का मौका दिया।

गरीब लड़का ने बड़ी मेहनत की और अपने काम में दिल से लग गया। वह दिन रात मेहनत करता रहा और अपने सपनों की ओर बढ़ता गया। उसकी मेहनत और संघर्ष ने उसे सफलता तक पहुंचाया। उसने अपनी गरीबी को पार करके अमीरी की उचाईयों को छू लिया।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हम मेहनत करें और अपने सपनों की ओर बढ़ें तो कुछ भी संभव है। गरीबी के बावजूद भी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हमें सिर्फ संघर्ष करना और मेहनत करना होता है।

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