Last Updated on October 22, 2023 by Mani_Bnl
जब हम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट का पता खोजते हैं, तो हमें उस वेबसाइट का URL मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि URL का मतलब क्या है? इस आर्टिकल में हम आपको URL के बारे में विस्तार से बताएंगे।
URL का मतलब क्या है?
URL (Uniform Resource Locator) एक वेब पता होता है जो इंटरनेट पर उपयोग होता है। जब हम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोलना चाहते हैं, तो हम उस वेबसाइट के URL को ब्राउज़र में टाइप करते हैं। उदाहरण के लिए, जब हम गूगल पर जाना चाहते हैं, तो हम ‘www.google.com’ लिखते हैं और इसे ब्राउज़र में टाइप करते हैं।
URL वेबसाइट की पहचान होता है। यह एक यूनिक नाम होता है जो वेबसाइट को इंटरनेट पर ढूंढने और पहुंचने के लिए उपयोग होता है। URL में कई तत्व होते हैं जो वेबसाइट की संरचना और पता बताते हैं।
URL का पहला तत्व ‘http’ या ‘https’ होता है, जो वेबसाइट के लिए प्रोटोकॉल बताता है। ‘http’ नॉन-सुरक्षित वेबसाइट के लिए होता है, जबकि ‘https’ सुरक्षित वेबसाइट के लिए होता है। दूसरा तत्व वेबसाइट का डोमेन नाम होता है, जैसे ‘google.com’। तीसरा तत्व वेबसाइट की पाथ होती है, जो वेबसाइट के अंदरीकरण को बताती है। उदाहरण के लिए, ‘www.google.com/search’ में ‘search’ वेबसाइट का अंदरीकरण है।
URL का अंतिम तत्व वेबसाइट पर विशेष पृष्ठ को बताता है। यह तत्व वैब पते के अंत में आता है और विशेष पृष्ठ की जानकारी को उपयोगकर्ता और वेबसाइट के बीच ट्रैफिक के रूप में भेजता है।
URL का मतलब होता है कि यह एक वेब पता है जो वेबसाइट को खोलने और पहुंचने के लिए उपयोग होता है। इसके माध्यम से हम इंटरनेट पर वेबसाइटों को आसानी से ढूंढ सकते हैं और उन्हें खोल सकते हैं।
दूसरे सब्दो में अगर कहे तो URL का एक उदाहरण यह है: https://www.example.com
इस URL में कुछ महत्वपूर्ण भाग होते हैं जो हमें इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है:
- प्रोटोकॉल: URL का प्रोटोकॉल उस प्रोटोकॉल को दर्शाता है जिसका उपयोग किया जाता है वेबसाइट के साथ सुरक्षित और सुरक्षित तरीके से संचार करने के लिए। उदाहरण के लिए, ‘https://’ एक सुरक्षित प्रोटोकॉल है जो डेटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- डोमेन नाम: डोमेन नाम वेबसाइट का पता होता है। उदाहरण के लिए, ‘www.example.com’ एक डोमेन नाम है।
- पोर्ट: पोर्ट नंबर उस पोर्ट को दर्शाता है जिस पर वेबसाइट संचार करती है। उदाहरण के लिए, डिफ़ॉल्ट वेब पोर्ट 80 है।
- पथ: पथ वेबसाइट के विभिन्न पेजों और फ़ाइलों की पथ दर्शाता है। उदाहरण के लिए, ‘/blog/article.html’ एक पथ है जो वेबसाइट के ‘blog’ फ़ोल्डर में स्थित ‘article.html’ फ़ाइल को दर्शाता है।
URL का मतलब होता है वेबसाइट की पहचान करना। यह हमें वेब पर संदर्भित संसाधनों तक पहुंचने में मदद करता है।
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यूआरएल कैसे भरा जाता है?
यूआरएल (URL) यानी यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर, वेब पेज या वेबसाइट के पते को दर्शाने वाला एक प्रणाली है। जब हम इंटरनेट पर किसी वेब पेज को खोलते हैं, तो हम उस पेज के यूआरएल को ब्राउज़र के एड्रेस बार में देख सकते हैं। इसे भरने का तरीका आसान होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण भी है। इस लेख में हम यूआरएल कैसे भरा जाता है के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
यूआरएल का भराव करने के लिए, हमें ब्राउज़र में एड्रेस बार में उस पेज का पता दर्ज करना होता है जिसे हम देखना चाहते हैं। यूआरएल दर्ज करने के बाद, हमें एंटर दबाना होता है और ब्राउज़र उस यूआरएल के अनुसार वेब पेज को खोलता है।
यूआरएल को भरने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले, ब्राउज़र खोलें और एड्रेस बार में उस पेज का पता दर्ज करें जिसे आप देखना चाहते हैं।
- यूआरएल को सही ढंग से भरें। यह एक वेब पता होता है और इसमें प्रोटोकॉल (जैसे http:// या https://) और डोमेन नाम (जैसे www.example.com) शामिल होता है।
- यूआरएल में सही वेब पते के अलावा आप परमीटर्स भी जोड़ सकते हैं। परमीटर्स वेब पेज के विभिन्न हिस्सों को दर्शाने और वेबसाइट के लिए जानकारी को संग्रहीत करने के लिए उपयोगी होते हैं।
- अंत में, एंटर दबाएं या उस बटन पर क्लिक करें जिससे यूआरएल भरा जाएगा। ब्राउज़र उस यूआरएल के अनुसार वेब पेज को खोलेगा।
यूआरएल के प्रकार: जानिए कितने प्रकार के यूआरएल होते हैं
यूआरएल (URL) का पूरा नाम यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर है। यह इंटरनेट पर उपलब्ध वेब पेज, दस्तावेज़ या किसी अन्य संसाधन को खोजने के लिए उपयोग होता है। यूआरएल के द्वारा हम इंटरनेट पर किसी भी संसाधन को सीधे पहुंच सकते हैं। यूआरएल को वेब एड्रेस या वेब पता के रूप में भी जाना जाता है।
यूआरएल के प्रकार विभिन्न तरीकों से वर्गीकृत किए जा सकते हैं। इस लेख में हम आपको कुछ महत्वपूर्ण यूआरएल के प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1. HTTP और HTTPS
HTTP और HTTPS यूआरएल दो विभिन्न प्रोटोकॉल का प्रतिनिधित्व करते हैं। HTTP (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल) एक साधारण यूआरएल होता है जो डेटा को असुरक्षित ढंग से भेजता है। वहीं, HTTPS (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सुरक्षित) एक सुरक्षित यूआरएल होता है जो डेटा को एन्क्रिप्टेड ढंग से भेजता है। HTTPS का उपयोग वेबसाइटों में सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
2. FTP
FTP (फ़ाइल ट्रांसफ़र प्रोटोकॉल) यूआरएल का उपयोग फ़ाइलों को अपलोड और डाउनलोड करने के लिए किया जाता है। FTP यूआरएल के माध्यम से हम वेबसाइट पर उपलब्ध फ़ाइलों को आसानी से पहुंच सकते हैं।
3. ईमेल
ईमेल यूआरएल ईमेल एड्रेस को दर्शाने के लिए उपयोग होता है। जब हम किसी ईमेल का लिंक खोलते हैं, तो उस ईमेल का एड्रेस यूआरएल में दिखाई देता है। इस तरह के यूआरएल का उपयोग ईमेल पतों को वेब ब्राउज़र में खोलने के लिए किया जाता है।
ये थे कुछ महत्वपूर्ण यूआरएल के प्रकार। यूआरएल एक वेब पेज या संसाधन को खोजने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए, हमें यूआरएल के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानना आवश्यक है ताकि हम इंटरनेट का सही तरीके से उपयोग कर सकें।
ऐप का यूआरएल कैसे ढूंढें?
आजकल हम सभी अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके अनेक ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐप्स हमारे जीवन को आसान और सुविधाजनक बनाने के साथ ही हमें अनेक सेवाएं भी प्रदान करते हैं। लेकिन कई बार हमें ऐप्स का यूआरएल (URL) ढूंढने की जरूरत पड़ती है। यह यूआरएल हमें ऐप्स को साझा करने, इंस्टॉल करने या किसी दूसरे उपयोगकर्ता के साथ साझा करने के लिए आवश्यक होता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको ऐप्स का यूआरएल कैसे ढूंढें, इसके बारे में बताएंगे।
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ऐप्स का यूआरएल ढूंढने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- पहले ऐप को अपने स्मार्टफोन पर खोलें।
- ऐप के लोगो या नाम पर क्लिक करें।
- यूआरएल ढूंढने के लिए ऐप की सेटिंग्स या विकल्प पर क्लिक करें।
- अब यूआरएल को प्रतिस्थापित करें और इसे कॉपी करें।
इस तरीके से आप ऐप का यूआरएल आसानी से ढूंढ सकते हैं। यह यूआरएल आपको ऐप को शेयर करने, इंस्टॉल करने या किसी दूसरे उपयोगकर्ता के साथ साझा करने में मदद करेगा।
यूआरएल ढूंढने के लिए इस तरह के टिप्स का पालन करें:
- ऐप के विकासकों या आपके समर्थन टीम से संपर्क करें।
- ऐप की वेबसाइट या ब्लॉग पर जाएं और वहां यूआरएल ढूंढें।
- ऐप के साथ आए जाने वाली डॉक्यूमेंटेशन को पढ़ें और यूआरएल ढूंढें।
- यदि आपको अभी भी यूआरएल नहीं मिल रहा है, तो ऐप के विकासकों या समर्थन टीम से अनुरोध करें।
URL के द्वारा वेब पेज को कैसे एक्सेस करे ?
वेब पेज को एक्सेस करना आजकल इंटरनेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। हर दिन हम अनेक वेब पेजों का उपयोग करते हैं, चाहे वह एक सर्च इंजन हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो या ई-कॉमर्स वेबसाइट हो। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन वेब पेजों को एक्सेस करने के पीछे का तकनीकी प्रक्रिया क्या होती है? इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि URL के द्वारा वेब पेज को एक्सेस करना कैसे काम करता है।
URL का पूरा नाम होता है ‘यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर’ और यह एक वेब पेज की विशिष्ट पता होता है। जब हम इंटरनेट पर किसी वेब पेज का उपयोग करना चाहते हैं, तो हमें उस वेब पेज का URL दर्ज करना पड़ता है। इसके बाद, वेब ब्राउज़र उस URL को पढ़ता है और उस वेब पेज की जानकारी को अपने सर्वर से प्राप्त करता है। यह प्रक्रिया वेब पेज को आपके स्क्रीन पर प्रदर्शित करने तक चलती रहती है।
जब आप एक URL द्वारा वेब पेज को एक्सेस करते हैं, तो वेब ब्राउज़र उस URL को दो भागों में विभाजित करता है। पहला भाग होता है ‘प्रोटोकॉल’ और दूसरा भाग होता है ‘डोमेन नाम’। प्रोटोकॉल वेब पेज के लिए सुरक्षित या असुरक्षित होने का निर्धारण करता है। ज्यादातर वेब पेजों के लिए हम ‘http’ या ‘https’ प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं। डोमेन नाम वेब पेज के सर्वर का पता होता है। यह वेब पेज की विशिष्टता का पता लगाने में मदद करता है।
एक URL में वेब पेज के बाद का हिस्सा होता है ‘पथ’। यह पथ वेब पेज की संरचना और फ़ाइलों को निर्देशित करता है। इसके बाद आता है ‘क्वेरी स्ट्रिंग’ जो वेब पेज के लिए अतिरिक्त जानकारी प्रदान करता है। इसके बाद आता है ‘फ़्रेगमेंट’ जो वेब पेज के लिए विशेष चिन्हों को निर्देशित करता है।
इस तरह, URL के द्वारा वेब पेज को एक्सेस करना एक तकनीकी प्रक्रिया है जो हमें इंटरनेट पर वेब पेजों का उपयोग करने में मदद करती है। URL का उपयोग करके हम वेब पेजों को खोज सकते हैं, उन्हें साझा कर सकते हैं और उनका उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, URL की जानकारी होना महत्वपूर्ण है ताकि हम इंटरनेट का ठीक से उपयोग कर सकें।
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यूआरएल लिंक कैसे लिखते हैं
यूआरएल लिंक एक वेब पेज का पता होता है जो इंटरनेट पर होस्ट किया गया होता है। यह लिंक वेब यूजर्स को एक विशेष पेज तक पहुंचने में मदद करता है। यूआरएल लिंक को लिखने के लिए कुछ नियम और निर्देशानुसार चलना चाहिए ताकि उपयोगकर्ता आसानी से उस पेज तक पहुंच सके।
यूआरएल लिंक को लिखते समय ध्यान देने योग्य नियमों का पालन करें:
- यूआरएल लिंक को शुरू करने के लिए ‘http://’ या ‘https://’ का उपयोग करें।
- यूआरएल लिंक में केवल अंग्रेजी अक्षर, अंक और कुछ विशेष चिह्नों का ही उपयोग करें।
- यूआरएल में स्पेस नहीं होना चाहिए, इसके बजाय हैफन (-) या अंडरस्कोर (_) का उपयोग करें।
- यूआरएल में विशेष चिह्नों का उपयोग करने के लिए ‘URL Encoding’ का उपयोग करें।
- यूआरएल लिंक को संक्षेप में लिखने के लिए ‘bit.ly’ जैसी सेवाओं का उपयोग करें।
URL के तीन हिस्से कौन से होते हैं
URL (Uniform Resource Locator) वेबसाइटों और वेब पेजों को खोजने और पहुंचने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। यह एक वेब पता होता है जिसका उपयोग उपयोगकर्ता द्वारा वेबसाइट तक पहुंचने के लिए किया जाता है। URL कई भागों से मिलकर बना होता है और हर भाग का अपना महत्व होता है।
URL के तीन मुख्य हिस्से होते हैं:
- प्रोटोकॉल: प्रोटोकॉल भाग URL का पहला हिस्सा होता है और इसमें वेबसाइट तक पहुंचने के लिए उपयोग किए जाने वाले इंटरनेट प्रोटोकॉल का नाम होता है। उदाहरण के लिए, HTTP, HTTPS, FTP, आदि।
- डोमेन नाम: डोमेन नाम भाग URL का दूसरा हिस्सा होता है और इसमें वेबसाइट का नाम होता है। यह वेबसाइट की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, www.example.com।
- पथ: पथ भाग URL का तीसरा हिस्सा होता है और इसमें वेब पेज का पथ होता है। यह वेबसाइट के भीतर के पेज की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, /blog/post1.html।
इस तरह, URL के तीन हिस्से एक संपूर्ण वेब पता बनाते हैं और उपयोगकर्ता को वेबसाइट तक पहुंचने में मदद करते हैं। URL के इन तीन हिस्सों का सही उपयोग करना आवश्यक होता है ताकि उपयोगकर्ता वेबसाइट के विभिन्न पेजों तक आसानी से पहुंच सके।