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कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं? कम्युनिकेशन के प्रकार एवं प्रक्रिया

कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं? कम्युनिकेशन के प्रकार एवं प्रक्रिया

Last Updated on September 23, 2023 by Mani_Bnl

आज के इस आधुनिक और भागदौड़ भरे दौर में हर कोई एक दूसरे को पीछे करने की होड़ में है, फिर चाहे वो नौकरी हो या नार्मल लाइफ सभी को परफेक्ट बनना है। और परफेक्ट बनने के लिए कई सारे पैमाने है कम्युनिकेशन स्किल्स भी इन्ही पैमाने में से एक है।

इस लेख में हम कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं? कम्युनिकेशन के प्रकार एवं प्रक्रिया से जुड़ी सभी बातों को जानेंगे जिससे आप अपने वक्तित्व को एक स्टेप और भी ऊपर ले जा पाओगे, तो आइये बिना किसी देरी के जानते है कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं?

कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं?

कम्युनिकेशन को हम आम अपने बोलचाल की भाषा में संचार यानि की सुचना का आदान प्रदान करना कह सकते है। इस शब्द की उत्पति लैटिन भाषा के कम्युनिस (Communis) नामक शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है किसी भी तरह के सुचना का आदान प्रदान करना। और अगर सुचना का आदान प्रदान समूह में हो रहा हो तो उसे संचार कहा जाता है।

कम्युनिकेशन स्किल्स का मतलब होता है की हम किसी सूचना को किस प्रभाबी ढंग से से दूसरे तक पहुँचाते है। सुचना कई प्रकार से दी जा सकती है जिसे हम निचे और अधिक जानेंगे, लेकिन आम तौर पे बोलचाल के माध्यम से ज्यादा सुचना आदान प्रदान की जाती है तो आप ये समझे की किसी से बात चित के तरीको को हम कम्युनिकेशन स्किल्स कहते है।

आप चाहे किसी भी फिल्ड में क्यों ना हो अगर आपके बात चित का तरीका सही है तो आप काफी अच्छे व्यक्ति माने जाते है, फिर चाहे आप स्टूडेंट हो या कही नौकरी कर रहे हो। कम्युनिकेशन स्किल्स को और अच्छे से समझने के लिए आइये जरा कम्युनिकेशन स्किल्स यानि की संचार की परिभाषा समझ लेते है।

कम्युनिकेशन स्किल्स (संचार) की परिभाषा क्या है?

  • आक्सफोर्ड शब्दकोश के मुताबिक कम्युनिकेशन स्किल्स (संचार) की परिभाषा , अपनी बात को कहना, विचारों का आदान-प्रदान करना होता है, जिसे बोलकर या व्यक्त करके किया जा सकता हैं।
  • डेनिस मेकक्वेल के शब्दों में कम्युनिकेशन स्किल्स (संचार) एक ऐसी क्रिया प्रक्रिया है, जो आपस में सांझापन बढ़ाने में मददगार है।
  • जॉर्ज लुंडबर्ग के अनुसार कम्युनिकेशन स्किल्स का मतलब है विचारों के आदान प्रदान को संकेतों और पर्तीको की सहायता से उपयोगी रूप प्रदान करना है ।

कम्युनिकेशन स्किल्स (संचार) के प्रकार

कम्युनिकेशन स्किल्स (संचार) मुख्यतया सात प्रकार के होते है, जो निम्लिखित है।

  • औपचारिक
  • अनौपचारिक
  • अन्तर्वैयक्तिक
  • मौखिक संचार
  • लिखित संचार
  • अमौखिक संचार

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औपचारिक कम्युनिकेशन

औपचारिक कम्युनिकेशन विचारपूर्वक की जाने वाली कम्युनिकेशन है। औपचारिक कम्युनिकेशन में कब किस किस को और किस अन्तराल में सूचना देनी है यह निर्धारित होती है, यह ओर्गनइजेशद्वारा नो के अंदर सभी स्तरों पर कार्य कर रहे व्यक्तियों के बिच सम्बन्धों को स्पष्ट करने में काफी सहायक होता है। औपचारिक कम्युनिकेशन मुख्यत: लिखित होते हैं।

औपचारिक कम्युनिकेशन के फायदे

  • औपचारिक संचार द्वारा प्राप्त सूचना अधिकतर सही होती है।
  • यह अधिकांश लिखित रूप में की जाती है।
  • यह कम्युनिकेशन का सबसे व्यवस्थित प्रकार है।
  • इस के माध्यम से दूर के लोगो से भी म्युनिकेशन किया जाता है।
  • इस म्युनिकेशन का उपयोग अक्सर आपको व्यावसायिक संस्थानों में देखने को मिलेगा।

औपचारिक कम्युनिकेशन के नुकसान

  • इसके द्वारा भेजे गए मैसेज की गति काफी धीमी होती है।
  • इस माध्यम से मिले मेस्सगे की आलोचना और विवेचना नहीं की जा सकती है।

अनौपचारिक कम्युनिकेशन

अनौपचारिक कम्युनिकेशन के गुण औपचारक के बिल्कुल ही उलट है इसका कोई फॉर्मल वे नहीं है। यह एक मौखिक तरीका है संचार के आदान प्रदान का। जिसके कारन इसमें ओरिजनल मैसेज का स्वरूप बदल जाता है। जैसे जैसे ये अलग अलग स्तरो से गुजरती है इसमें नई नई बातें जुड़ती जाती है।

अन्तर्वैयक्तिक कम्युनिकेशन

अन्तर्वैयक्तिक कम्युनिकेशन ऐसा संचार का माध्यम है जिसमे सन्देश देने वाला और सन्देश प्राप्त करने वाला आमने सामने हो के संचार का आदान प्रदान करते है फिर चाहे वो दो व्यक्ति हो या या कई लोगो का समूह। इसमें कम्युनिकेशन का माध्यम लिखित अथवा मौखिक दोनों हो सकते जैसे किसी पेज के माध्यम से कम्युनिकेशन लिखित में आता है, ऐसे टेलीफ़ोन के माध्यम से किया गया संचार मौखिक में।

अन्तर्वैयक्तिक कम्युनिकेशन के फायदे

  • अन्तर्वैयक्तिक कम्युनिकेशन में संचार की गोपनीयता बानी रहती है।
  • आमने सामने होने से मैसेज के लीक होने का खतरा काम होता है।

मौखिक संचार

मौखिक संचार अपने नाम से ही अपने तरीके को दर्शाता है, इसमें संचार का माधयम मुहजबानी होती है मतलब इस तरीके में संचारक अपने सवांद को मौखिक रूप में प्राप्तकर्ता तक पहुँचाता है। लारेन्स एप्पले के अनुसार, ‘‘मौखिक शब्दों द्वारा पारस्परिक संचार सन्देशवाहन की सर्वश्रेष्ठ कला है।

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मौखिक संचार के फायदे

  • इस माध्यम से समय काफी बचत होती है।
  • संकटकालीन समय में संचार का इकलौता माध्यम है ये।
  • इसे समझना काफी आसान है।

मौखिक संचार के नुकसान

  • इसे एक से अधिक बार उपयोग नहीं किया जा सकता है।
  • ये कभी कभी काफी खर्चीला साधन बन सकता है।
  • इसमें सुचना देने वाले के पास न तो सोचने का टाइम होता है न ही तयारी करने की जिसके कारण कभी कभी ये उतना प्प्रभावकारी नहीं रह पाता।

लिखित संचार

लिखित संचार वह संचार होता है जिसमे संचार का आदान प्रदान लिखित टूर पे होता है। इसमें सभी को एक ही तरह का इनफार्मेशन मिलती है इसके कई माध्यम हो सकते हैजैसे वहारिक पत्रिकायें, संगठन-पुस्तिकाएं संगठन-अनुसूचियाँ, नीति- पुस्तिकायें एक लिखित संचार पूरी तरह से सही और स्पश्ट होती है।

लिखित संचार के फायदे

  • लिखित संचार में दोने की उपस्थिति आवश्यक नहीं होती।
  • लम्बे और मुश्किल सूचना के आदान प्रदान के लिए उपयुक्त साधन है।
  • यह प्रमाण का भी काम करता है।

लिखित संचार के नुकसान

  • इसका सबसे बड़ा नुकसान है चाहे सुचना बड़ा हो या छोटा सिर्फ आपको लिखित रूप में ही देना पड़ता है।
  • इसमें गोपनीयता बनाये रखना काफी मुश्किल है।
  • अशिक्षित व्यक्तियों के लिए नहीं है ये।

अमौखिक संचार

अमौखिक संचार ऐसा संचार है जिसमे सूचनाओं का आदान प्रदान न तो लिखित होता है न ही मौखिक होता है, इसमें सूचनाओं का आदान प्रदान शारीरिक हाव-भाव के माध्यम से की जाती है। जैसे चेहरे के भाव हाथ एवं आँख के इशारे से।

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कम्युनिकेशन के अंग 

कम्युनिकेशन स्किल्स (संचार) के प्रकार जानने के बाद आइये जानते है कम्युनिकेशन के अंग को क्योकि बिना कम्युनिकेशन के अंग को समझे कम्युनिकेशन को समझना मुश्किल है। निचे हमने कम्युनिकेशन के अंग को संछिप्त में समझया है

  • Sender
  • Medium
  • Message
  • Encoding
  • Receiver
  • Decoding
  • Feedback

Sender

Sender कम्युनिकेशन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है क्योकि कम्युनिकेशन की स्टार्ट सेन्डर के माध्यम से ही होती है, फिर चाहे कम्युनिकेशन किसी भी प्रकार का क्यों न हो जिसके द्वारा मैसेज भेजा जाये वो सेन्डर कहलाता है।

Medium

सेन्डर अपने मैसेज को दूसरे तक पहुंचाने के लिए जिस साधन का उपयोग करता है वो medium कहलाता है ये कई तरह का हो सकता है।

Message

सेन्डर द्वारा प्रकट किये गए बिचार फिर चाहे वो लिखित हो या मौखिक हो उसे मैसेज कहा जाता है।

Encoding

सेन्डर द्वारा मैसेज को समझाने के के लिए जो सांकेतिक चीजों का उपयोग किया जाता है उसे एन्कोडिंग कहा जाता है जैसे तस्वीर का उपयोग इत्यादि।

Receiver

सेन्डर द्वारा भेजे गए मैसेज को जो प्राप्त करता है या जिस के लिए मैसेज भेजा गया है उसे रिसीवर कहते है। रिसीवर मैसेज को प्राप्त करके उसे डिकोड करके उसपे अमल करता है।

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Decoding

मैसेज रिसीव करने के बाद रिसीवर उसे अपने समझ के अनुसार उसे रूपांतर करता है उस रूपांतरण के प्रोसेस को Decoding कहा जाता है। यह एक बहुत ही जरुरी प्रोसेस है मैसेज को ठीक से समझने के लिए।

Feedback

रिसीवर द्वारा मैसेज प्राप्त करने के बाद सेन्डर को कन्फर्मेशन उसे मैसेज समझ आया या नहीं उसे फीडबैक कहते है।

उम्मीद करता की इस कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं? कम्युनिकेशन के प्रकार एवं प्रक्रिया के आर्टिकल से आपको कम्युनिकेशन स्किल्स से जुड़ी सभी जानकारी आपको मिल गई होगी अपने सवाल और सुझाव आप हमें कमेंट माध्यम भेज सकते है।


अन्य सोर्स : संचार – विकिपीडिया

1 thought on “कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं? कम्युनिकेशन के प्रकार एवं प्रक्रिया”

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