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हार्ड डिस्क क्या है? (Hard Disk Kya Hai ?)

हार्ड डिस्क क्या है

Last Updated on October 22, 2023 by Mani_Bnl

हार्ड डिस्क क्या है? (Hard Disk Kya Hai ?) ये सवाल हम में से कइयों के मन में आता है, जब भी हम कंप्यूटर या लैपटॉप को देखते है या इसे इस्तमाल करते है। अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है तो आप बिलकुल भी सही आर्टिकल पढ़ने जा रहे है।

अगर आप उन लोगो में से है जिन्हे हार्ड डिस्क क्या है? पता है, फिर भी इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने से आपको हार्ड डिस्क के बारे में कुछ ऐसी जानकारी मिलेगी जो आपके लिए बिलकुल नयी और उपयोगी होगी।

इस आर्टिकल में हमने हार्ड डिस्क क्या है? (hard disk kya hai ?), हार्ड डिस्क का इतिहास, हार्ड डिस्क के प्रकार, हार्ड डिस्क के भाग, हार्ड डिस्क की क्या आवश्यकता है? के साथ साथ हार्ड डिस्क निर्माता कंपनियों के बारे में विस्तार से बताया है। तो आइये जानते है हार्ड डिस्क को बिना किसी देरी के।

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हार्ड डिस्क क्या है? (Hard Disk Kya Hai ?)

हार्ड डिस्क को हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) भी कहा जाता है। यह एक नॉन -वोलेटाइल मैमोरी हार्डवेयर डिवाइस है।  हार्ड डिस्क यह एक स्टोरेज डिवाइस का काम करता है।  हार्ड डिस्क का कार्य कंप्यूटर के डाटा को permanently स्टोर और दुबारा प्राप्त करना होता है। 

Non-volatile device  कंप्यूटर को कहा जाता है जो डाटा को लंबे समय तक स्टोर करके रखते है। कहने का भाव यह है की बिजली जाने के बाद भी डाटा को सुरक्षित रखता है। यह secondary memory होती है। 

हार्ड डिस्क का इतिहास कैसा रहा है?

13 सितंबर,1956 को IBM कंपनी के द्वारा पहली बार हार्ड ड्राइव  का उत्पादन किया गया था।  IBM ने 305 RAMAC नाम का सुपर कंप्यूटर लॉन्च किया गया था , जिसमे जो हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) लगी थी उसका वजन एक टन से भी अधिक था और उसमे सिर्फ 5 MB डाटा संग्रहित किया जा सकता था। इस हार्ड डिस्क ड्राइव में 50 , 24 इंच के प्लैटर थे ,जो दो बड़े रेफ्रिजरेटर के आकार का था। 

उस समय हार्ड डिस्क ड्राइव के नए होने और इसकी संख्या भी काम थी जिस कारण इसकी कीमत भी काफी ज्यादा थी।  इसकी कीमत लगभग 60,000 हज़ार  रुपए के करीब थी मतलब यह है की हर एक MB का 12,000 हज़ार रुपए ,यह कीमत कितनी ज्यादा था की इसको केवल उस समय अमेरिकी सेना और कुछ बड़े उद्योग वाली कंपनी और कुछ अमीर लोग ही इसको खरीद सके। 

इसकी कीमत इतनी ज्यादा होने के कारण ही यह आम खरीद के लिए संभव ही नहीं हो सकी। इसका प्राथमिक उपयोग वास्तविक समय लेखांकन था। 

IBM को पता था आने वाले समय में और ज्यादा MB की आवश्कता जरूर पड़ेगी , इसी लिए उसने 5 MB से अधिक MB वाले हार्ड डिस्क ड्राइव के बारे के सोचा।, किंतु 1960 के दशक में IB 1301 मेनफ्रेम कंप्यूटर लॉन्च किया जिसमे हटाने योग्य प्लेटर्स पेश किए।

1963 के दशक में लॉन्च किया गया IBM 1311 , इसमें छः डिस्क थी , हरेक डिस्क 2.6 MB डेटा स्टोर करने की कपीसिटी थी।  स्टोरेज डिस्क का आकार लगभग 24 इंच से 14 इंच तक काम हो गया था। इस वक्त तक तो मेनफ्रेम कंप्यूटर की कीमत भी बहुत काम हो गई थी। 

IBM ने 1980 में पहली 1 GB हार्ड डिस्क ड्राइव की खोज की किन्तु $ 40,000  की लागत से, औसत उपभोक्ता की पहुंच से बाहर थी। यह 500 पाउंड वजन का था। इसकी सबसे बड़ी समस्या वजन  और इसकी अधिक कीमत थी।

Seagate ने 1980 में पहली 5.25 इंच हार्ड डिस्क ड्राइव का निर्माण किया था। जिसने हार्ड डिस्क ड्राइव के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आया। ST 506 हार्ड डिस्क ड्राइव की डाटा स्टोरेज क्षमता 1 GB थी। कई कंपनियों ने 506 की तरह हार्ड डिस्क ड्राइव का निर्माण करना शुरू कर दिया।

1981 में IBM ने पीसी शब्द की उत्पति हुई। 1984 में IBM ने पर्सनल कंप्यूटर AT के आने के बाद, हार्ड डिस्क ड्राइव सभी पर्सनल कंप्यूटर के साथ आने वाला एक मानक बन गया था। 

हार्ड डिस्क ड्राइव के विकास में Rondime कंपनी भी जिम्मेदार है।  जिन्होंने 1983 में पहली 3.5 इंच हार्ड डिस्क ड्राइव विकसित की थी। 1988 में Prairie Tek कंपनी ने पहली 2.5 इंच वाली हार्ड डिस्क ड्राइव बनाई। आज के समय में ज्यादा से डेस्कटॉप में  3.5 इंच HDD का उपयोग किया जाता है , किन्तु वही लैपटॉप में 2.5 इंच का उपयोग किया जाता है।

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हार्ड डिस्क के प्रकार (Types of Hard Drive)

हार्ड डिस्क ड्राइव के पार्ट्स निम्नलिखित अनुसार है। 

  • PATA 
  • SATA 
  • SSD 
  • SCSI 

इनका वर्णन निम्नलिखित अनुसार किया गया है।

PATA :

PATA को सबसे पहले वेस्टर्न डिजिटल ने साल 1986 में बनाया था। PATA का पूरा नाम Parallel Advanced Technology Attachment है। इसे IDE (Integrated Drive Electronic) भी कहा जाता है। PATA दो अलग अलग केबल कप आपस में जोड़ता है।  मेग्नेटिजम की सहायता से इस ड्राइव में डाटा को स्टोर किया जाता है।  इस ड्राइव में 40 पिन होते है और यह 8 बिट डाटा को एक ही सेकंड में send कर सकता है।

SATA :

SATA का पूरा  नाम :Serial Advanced Technology Attachment है। SATA  हार्ड डिस्क केबल पतली और फ्लेक्सिबल है। इस ड्राइव की कीमत भी  है और कार्य क्षमता भी अच्छी है और ज्यादातर SATA का उपयोग PC में किया जाता है। आज कंप्यूटर और लैपटॉप में आपको इस प्रकार की हार्ड डिस्क मिलेगी।

एक PATA ड्राइव के मुकाबले SATA  डाटा ट्रांसफर रेट भी अधिक होता है।  speed 150 MB/s  600 MB/s तक सकती है।  SATA हार्ड डिस्क यह 300 MB तक हर एक सेकंड में डाटा ट्रांसफर कर सकती है। SATA केबल को SATA हार्ड डिस्क में कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इसमें सिर्फ एक ही ड्राइव को कनेक्ट किया जाता है। 

SSD :

SSD का पूरा नाम : Solid State Drive है और इस ड्राइव की कीमत बाकि हार्ड डिस्क से ज्यादा होती है।  किन्तु इसकी स्टोरेज क्षमता अधिक नहीं होती है। ये आज की सबसे नवीनतम ड्राइव में आती है।  यह बाकि सब ड्राइव के मुकाबले काफी ज्यादा बेहतर और इसकी स्पीड भी अधिक है।

SSD डाटा स्टोर करने के लिए flash memory technology का उपयोह करती है। इस प्रकार के ड्राइव में कोई moving parts नहीं होते है इसलिए यह ड्राइव हार्ड डिस्क ड्राइव की तुलना में अधिक तेज़ है। SSD इस ड्राइव में एक माइक्रो चिप होती है और यह मेमोरी कार्ड की तरह काम करती है।

इस ड्राइव के बहुत जल्दी फाइल या डाटा को कॉपी कर लिया जाता है। आज ज्यादातर कंपनियां इसका इस्तेमाल कर रही है।  यह HDD के मुकाबले एक बेहतर डिवाइस है। 

SCSI :

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SCSI का पूरा नाम :Small Computer System Interface है। इसका उपयोग छोटे कंप्यूटर सिस्टम में किया जाता है। यह IDE हार्ड ड्राइव काफी समान  है। यह 640 MB तक हर सेकंड में डाटा ट्रांसफर कर सकता है।

SCSI केबल को SCSI हार्ड डिस्क में कनेक्ट करने के लिए उसे किया जाता और यह एक केबल के सहारे 16 ड्राइव को एक साथ कनेक्ट कर सकता हैं। आज ज्यादातर सभी Ultra-Books में SSD ही लगी होती है।

हार्ड डिस्क के भाग (Parts & components of Hard Disk)

हार्ड डिस्क के भाग निम्नलिखित अनुसार है :

  • Actuator 
  • Circuit Board
  • Connector
  • HSA
  • Logic Board
  • Magnetic Platters
  • Read Write Head
  • Read Write Arm
  • Spindle
  • Actuator: Actuator सहायता से Read Write Arm घूमता है। 
  • Circuit Board : Circuit Board प्लेटर से डाटा के प्रभाव को नियंत्रित करता है। 
  • Connector : Connector का कार्य सर्किट बोर्ड से Read Write और प्लेटर तक डाटा को पहुँचाना है। 
  • HSA : HSA Read Write Arm का पार्किंग एरिया होता है। 
  • Logic Board : Logic Board एक तरह की चिप होती है , जो HDD से इनपुट या आउटपुट सभी इनफार्मेशन को safe रखती है। 
  • Magnetic Platters : Magnetic Platters एक महत्वपूर्ण भाग है , जिसमे डिजिटल इनफार्मेशन को  Magnetic रूप से स्टोर किया जाता है।  इसमें डाटा बाइनरी रूप से save होता है। 
  • Read Write Head : Read Write Head एक छोटा सा magnet होता है , जो की Read Write Arm के आगे लगे होते है। यह प्लेटर के ऊपर राइट से लेफ्ट खिसकता है और डिटेल्स को रिकॉर्ड तथा स्टोर करने का कार्य करता है। 
  •  Read Write Arm : यह Read Write Head का पिछला हिस्सा होता है।  यह दोनों आपस में एक दूसरे के साथ जुड़े हुए होते है। 
  • Spindle : यह एक तरह की मोटर होती है , यह प्लेटर के बिच में स्थित होती है , इसकी सहायता से प्लेटर्स घूमते है।

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हार्ड डिस्क की क्या आवश्यकता है?

हार्ड डिस्क को हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) भी कहते है। जैसे हर वस्तुओं को संभालने की आवश्यकता होती है या पड़ती है , उसी प्रकार डिजिटल डाटा को और डॉक्यूमेंट , फोटोज , वीडियो , सॉफ्टवेयर , प्रोग्राम और important files को संभालने या स्टोर करने के लिए कंप्यूटर में दो तरह के डिवाइस का उपयोग किया जाता है।

पहला रैम (RAM) है, जो कि कंप्यूटर के कार्यों को प्रोसेस करने का कार्य करती है। हार्ड डिस्क को सेकेंडरी मैमोरी डिवाइस कहा जाता है। हार्ड डिस्क का कार्य कंप्यूटर के डाटा को permanently स्टोर और दुबारा प्राप्त करना होता है।

हार्ड डिस्क निर्माता कंपनियां (Manufacturers of Hard Disk in hindi)

  • Seagate Technology
  • Western Digital 
  • Hitachi Global Storage (IBM)
  • Toshiba
  • Samsung Electronics
  • Fujitsu
  • EMC Corporation
  • G-Technology
  • Iomega
  • Quantum

इन सभी कंपनियों के द्वारा हार्ड डिस्क बनाए जाते है।

हम आशा करते है की हमारे इस आर्टिकल के जरिये   हार्ड डिस्क क्या है ? Hard Disk Kya Hai ? और इसके भागों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी।

हमारा उदेश्य ही आपको सहज भाषा के माध्यम से हर तरह की जानकारी प्रदान करवाना ताकि आप किसी भी तरह की जानकारी से वांछित न रह जाए। अगर आपके मन में किसी तरह का कोई प्रश्न हो तो आप हमे कमैंट्स के जरिये बता सकते है। हमे पूरी उम्मीद है की आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया होगा। धन्यवाद ….

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